हरियाणा पंजाब में भारत के विरोधी संगठन SFJ (सिक्ख फॉर जस्टिस) के चीफ गुरपतवंत पन्नू को भारत के प्रति भड़काया
पड़ोसी देश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI (Inter-Services Intelligence) एक बार फिर भारत में अस्थिरता फैलाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है हाल ही में न्यूज चैनलों के इनपुट से संकेत मिले हैं कि ISI पंजाब और हरियाणा में खालिस्तानी आतंकी नेटवर्क को फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रहा है। इस लेख में हम इस खतरे के पीछे की पूरी कहानी, रणनीतियाँ, और भारत की तैयारियों पर बात करेंगे।
हाल ही में हुए अटैक पहलगाम जो 22 अप्रैल 2025 को जे&के में हुआ था उसकी वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की संभावना हो गई थी और ऑपरेशन "सिंदूर " भारत के द्वारा किया गया था पाकिस्तान पर उसकी वजह से पाकिस्तान भड़क गया और भारत के खिलाफ खालिस्तानियों को भड़काने लगा
खालिस्तानियों के चीफ गुरपतवंत
भूमिका
1. ISI की रणनीति: भारत को कमज़ोर करना
1.ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
ISI भारत का कोई नया विरोधी नहीं है। 1980 और 1990 के दशक में भी इसने पंजाब में खालिस्तानी आंदोलन को भड़काने के लिए धन, हथियार और प्रशिक्षण की आवश्यकता को पूरी कराया था।
2.वर्तमान में युवा को गुमराह किया
अब ISI एक नई रणनीति के तहत सोशल मीडिया, ड्रोन तकनीक और विदेशों में बैठे खालिस्तानी नेताओं का इस्तेमाल करके भारत के युवाओं को गुमराह करने में जुटा है।
2. खालिस्तान आंदोलन: एक बार फिर सिर उठाता खतरा बना भारत के लिए
1.खालिस्तान की मांग का इतिहास
खालिस्तान आंदोलन की शुरुआत सिख समुदाय के एक अलग राष्ट्र की मांग से हुई थी, लेकिन समय के साथ यह आंदोलन हिंसक हो गया और हजारों निर्दोष लोगों की जान चली गई।
2.मौजूदा समय में खालिस्तान
हाल के वर्षों में खालिस्तानी एजेंडे को विदेशों, खासकर कनाडा, यूके और ऑस्ट्रेलिया में बैठे कट्टरपंथियों ने फिर से हवा देना शुरू किया है। इन्हीं लोगों से ISI संपर्क बना रही हैं ।
3.ड्रोन और आधुनिक हथियार: ISI की नई चालें
1.ड्रोन से हथियार और ड्रग्स की तस्करी
पंजाब सीमा से ISI ड्रोन के माध्यम से AK-47, हैंड ग्रेनेड, IED और हेरोइन जैसी वस्तुएं गिरवा रही है। इससे न सिर्फ आतंकी घटनाएं संभव होती हैं, बल्कि युवाओं को नशे की लत में भी धकेला जा रहा है।
2.डिजिटल माध्यम से कट्टरपंथ
Facebook, YouTube और Telegram जैसे प्लेटफॉर्म्स पर खालिस्तानी प्रचार करके युवाओं को गुमराह किया जा रहा है। ISI इसके लिए बड़ी फंडिग कर रही है।
4. हरियाणा में नेटवर्क के जाल में फंसा कर अपनी तरफ खींचना
1.नई भर्ती रणनीति
हरियाणा के कुछ जिलों में ISI ने लोकल गैंग्स और युवाओं को पैसे का लालच देकर अपने पाले में खींचने की कोशिश की है। खासकर पलवल, सोनीपत, और अंबाला जैसे इलाकों में गतिविधियां देखी गई हैं।
किसान आंदोलन और सामाजिक आंदोलनों का फायदा उठाकर ISI ने जन भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया है, जिससे राज्यों में तनाव बढ़ सके।
Note: हरियाणा में एक फेमस यूट्यूब ज्योति मल्होत्रा को गिरफ्तार किया गया है वह 2023 में पाकिस्तान में गई थी और वहां पर ISI के साथ उनका रिश्ता बन गया पुलिस का कहना है कि इन्होंने कुछ खुफिया जानकारी दी थी पाकिस्तान को ।
5. भारत की तैयारी और जवाब
1. NIA और IB की सतर्कता
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) लगातार संदिग्ध गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। कई खालिस्तानी समर्थकों को हिरासत में लिया जा चुका है।
2.सीमाओं की सुरक्षा
BSF (Border Security Force) ने पंजाब में एंटी-ड्रोन सिस्टम, हाई-टेक नाइट विजन कैमरे और ट्रैकिंग सिस्टम लगाकर ड्रोन घुसपैठ पर लगाम लगाई है।
3.साइबर मॉनिटरिंग
सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट मॉनिटरिंग यूनिट्स स्थापित की हैं जो संदिग्ध वीडियो और पोस्ट्स को तुरंत हटाती हैं।
6. नागरिकों की भूमिका
1.सतर्कता और रिपोर्टिंग
स्थानीय नागरिकों को संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी पुलिस या सुरक्षा एजेंसियों को देनी चाहिए।
2.युवा वर्ग का मार्गदर्शन
परिवार, शिक्षक और समाज को मिलकर युवाओं को यह समझाना होगा कि आतंक और अलगाववाद किसी भी समस्या का हल नहीं है।
निष्कर्ष
पाकिस्तान की ISI द्वारा हरियाणा और पंजाब में खालिस्तानी नेटवर्क को दोबारा जीवित करने की कोशिशें एक गंभीर खतरा हैं। यह न सिर्फ भारत की आंतरिक सुरक्षा बल्कि सामाजिक समरसता के लिए भी चुनौतीपूर्ण है।
हमें सतर्क रहकर इस साजिश को नाकाम करना होगा और देश की एकता को हर हाल में बरकरार रखना होगा।
सुझाव और समाधान
केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर समन्वय के साथ काम करना चाहिए।
मीडिया को अफवाहों से बचाते हुए सही जानकारी फैलानी चाहिए।
युवाओं को रोजगार, शिक्षा और सामाजिक विकास से जोड़ने पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
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